UI मूवी रिव्यू – उपेन्द्र की डिसटोपियन कल्पना
उपेन्द्र की हालिया फिल्म UI अपनी अनूठी कहानी और दार्शनिक गहराई के लिए चर्चा में है। यह फिल्म एक डिसटोपियन भविष्य में सेट है और इसमें समाजिक उदासीनता और नैतिकता और बदले की लड़ाई के विषय को छेड़ा गया है।
कहानी
फिल्म की कहानी सत्य (उपेन्द्र द्वारा निभाए गए पात्र) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो भविष्य के एक अंधेरे और निराशाजनक रूप का दर्शन करता है। उसका दूसरा रूप, काकी, समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और गिरावट के खिलाफ अपनी नाराजगी और बदला लेने की इच्छा को दर्शाता है। जबकि काकी मानवता को दंडित करना चाहता है, सत्य उसे सुधारने और ऊंचा उठाने की कोशिश करता है। दोनों के बीच संघर्ष तब बढ़ता है जब वे वामन राव से मिलते हैं, एक भ्रष्ट राजनीतिज्ञ जो जनता को अपनी ताकत के लिए शोषित करता है। फिल्म का मुख्य विषय सत्य का काकी की शक्ति को अच्छे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश है।
अभिनय और निर्देशन
उपेन्द्र का अभिनय सत्य और काकी दोनों पात्रों में बहुत अच्छा है। दोनों भूमिकाओं में उनकी विविधता और गहराई साफ नजर आती है। हालांकि, फिल्म का निर्देशन कुछ जटिल है, जो कुछ दर्शकों के लिए समझना कठिन हो सकता है। फिल्म की अब्सट्रैक्ट कहानी बहुत जटिल है और इसका बारीकी से पालन करने पर दर्शकों को कुछ उलझन महसूस हो सकती है।
तकनीकी पक्ष
UI में शानदार प्रोडक्शन डिजाइन है, खासकर VFX और सेट डिज़ाइन में। H.C. वेणु की सिनेमेटोग्राफी दर्शकों को एक रोमांचक और दृश्यात्मक रूप से आकर्षक दुनिया में प्रवेश कराती है। B. अजनिश लोकेनाथ का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की कहानी को और भी सशक्त बनाता है, खासकर महत्वपूर्ण दृश्यों में।
समीक्षा
फिल्म को मिश्रित प्रतिक्रियाएँ मिली हैं। कुछ दर्शकों को इसकी समाजिक मुद्दों पर खड़ी हुई टिप्पणी पसंद आई, जबकि कुछ को इसकी जटिल कहानीबाज़ी उलझन में डाल दी। फिल्म के पहले भाग को तेज और अराजक sequences के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। हालांकि, फिल्म के क्लाइमेक्स में एक गाना है, जो फिल्म के केंद्रीय विचार को स्पष्ट रूप से पेश करता है।
निष्कर्ष
UI एक प्रयोगात्मक फिल्म है जो उपेन्द्र की सोच को चुनौती देने वाली सिनेमा की ओर इशारा करती है। इसकी दार्शनिक कहानी और सामाजिक टिप्पणियाँ विशेष दर्शकों को आकर्षित कर सकती हैं, विशेषकर उपेन्द्र के पुराने कामों के प्रशंसकों को। हालांकि, इसकी जटिल और अब्सट्रैक्ट कहानी सभी दर्शकों को पसंद नहीं आ सकती। जो लोग प्रयोगात्मक फिल्में और सामाजिक टिप्पणी पसंद करते हैं, उन्हें UI में कुछ खास जरूर मिलेगा।
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